LoC की प्रतीकात्मक तस्वीर
अशरफ वानी [Edited By: लव रघुवंशी]
जम्मू, 01 मई 2017, अपडेटेड 18:48 IST
जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के मेंढर सेक्टर में सोमवार को एलओसी पर पाकिस्तान की तरफ से सीजफायर का उल्लंघन किया गया. जवानों के शहीद होने के बाद भारतीय सेना ने भी जवाबी कार्रवाई की है. भारत की ओर से भी लगातार मोर्टार दागे जा रहे हैं. बॉर्डर पर लगातार फायरिंग जारी है. वहीं रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि शहीद जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी.Porn Outdoor
व्यर्थ नहीं जाएगी शहादत
रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इन दोनों जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी. जेटली ने कहा कि ऐसी हरकत तो जंग में भी नहीं की जाती है. रक्षा मंत्री बोले कि पाकिस्तान की यह अमानवीय हरकत है, सेना को जो भी जवाब देना होगा वह सेना देगी. जेटली बोले कि हम इस घटना की निंदा करते हैं. नायब सूबेदार परमजीत सिंह के साथ बर्बरता की गई थी. सूबेदार परमजीत सिंह पंजाब के तरनतारन से आते थे.
इस फायरिंग में सेना और बीएसएफ के एक-एक जवान शहीद हो गए. एक बीएसएफ जवान घायल भी हुआ है. शहीदों में एक सेना में कनिष्ठ अधिकारी (JCO) और एक बीएसएफ में हेड कांस्टेबल थे. शहीद जवानों के साथ बर्बरता भी की गई. पाक बॉर्डर एक्शन टीम ने शहीद जवानों के साथ बर्बरता की. सेना के मुताबिक, पाकिस्तान ने 2 भारतीय जवानों को क्षत-विक्षत कर दिया. पाक सेना को उचित जवाब दिया जाएगा.
सूत्रों ने बताया कि दोनों जवान पाकिस्तानी रॉकेट लांन्चर और स्वचालित बंदूकों से उस समय घायल हुए जब वे सीमावर्ती पोस्ट की रक्षा कर रहे थे. पाकिस्तान की तरफ से ये फायरिंग उस समय हुई है, जब रविवार को ही पाक आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा ने एलओसी का दौरा किया.
एलओसी पर पाकिस्तान आर्मी चीफ बाजवा की गश्त किसी बड़ी साजिश का इशारा लगती है. सरहद पर हाजी पीर सेक्टर के इलाकों में बाजवा का दौरा इसलिए खतरे की घंटी बजाता है, क्योंकि अपने सैनिकों से मिलने के बाद बाजवा ने भारत के खिलाफ जहर उगलता बयान दिया. पाकिस्तान के आर्मी चीफ ने कश्मीरियों की आजादी का मुद्दा उठाया और आतंकवादियों को राजनीतिक आंदोलनकारी करार दिया. बाजवा ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीरियों के आत्म निर्णय के अधिकार के लिए किए जा रहे कार्य को हमेशा समर्थन देता रहेगा.
पाक आर्मी चीफ का नियंत्रण रेखा पर ये चौथा दौरा है. इससे पहले बाजवा ने मार्च में भी एलओसी का दौरा किया था. पाकिस्तान के फौजी आलाकमान का यूं बार-बार सरहद पर पहुंचना और कश्मीर में बढ़ती हिंसा को देखते हुए इस बात का अंदेशा बढ़ता है कि पाकिस्तान एक बार फिर किसी बड़ी साजिश की तैयारी कर रहा है, जिसमें कश्मीर में जमे आतंकियों के साथ ही सरहद पार से आतंकी और खुद पाकिस्तानी फौज भी शामिल हो सकती है. पाक आर्मी चीफ के एलओसी दौरे के बाद भारतीय सेना के साथ ही खुफिया एजेंसियां भी अलर्ट हो गई हैं.
LoC पर 2 जवान शहीद, भारत ने दिया कड़ा जवाब, PAK पर दागे मोर्टार
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चीन दलाई लामा के अरुणाचल प्रदेश खासकर तवांग की यात्रा का विरोध कर रहा है जिसे वह दक्षिण तिब्बत मानता है. (फाइल फोटो)
बीजिंग: चीन ने बुधवार को भारत को चेतावनी दी कि दलाई लामा की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा का सीमा विवाद के समाधान पर बुरा असर पड़ेगा साथ ही उसने भारत पर तिब्बत के मुद्दे पर प्रतिबद्धता के उल्लंघन का आरोप लगाया.
चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि बीजिंग अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता की रक्षा के लिए ‘आगे कार्रवाई’ करेगा साथ ही तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु और अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांड़ू के उस भड़काऊ बयान की तीखी आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य सिर्फ तिब्बत के साथ अपनी सीमा साझा करता है चीन के साथ नहीं.’
चार अप्रैल को दलाई लामा की यात्रा की शुरुआत के बाद अब तक की सर्वाधिक कठोर टिप्पणी में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ल्यू कांग ने कहा उनके ‘भड़काउ’ बयानों ने ‘धार्मिक क्रियाकलापों की हदों को पार कर लिया है.’
ल्यू ने कहा कि चीन की आपत्तियों के बावजूद भारत दलाई लामा की ‘भारत चीन सीमा के विवादित पूर्वी क्षेत्र’ में यात्रा के लिए अड़ा रहा.’ प्रवक्ता ने हालांकि खांडू का नाम नहीं लिया लेकिन कहा कि ‘कुछ खास भारतीय अधिकारी’ भड़काउ राजनीतिक बयानबाजी में लिप्त रहे हैं.Porn Brazilian
‘यह दिखाता है कि 14वें दलाई लामा की गतिविधियां जिसे भारतीय पक्ष धार्मिक गतिविधियां होने का दावा कर रहा था, उसकी हद को पहले ही पार कर गया है.’
उन्होंने कहा, ‘भारत ने जो किया है वह तिब्बत से जुड़े मुद्दे के प्रति गंभीर प्रतिबद्धता का उल्लंघन है और इसका दोनों पक्षों के बीच क्षेत्रीय विवाद का बातचीत के जरिए हल निकालने पर नकारात्मक असर पड़ेगा.'
ल्यू ने कहा कि चीन अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता की रक्षा के लिए ‘आगे कार्रवाई’’ करेगा. उन्होंने कहा,‘चीन ने भारतीय पक्ष के समक्ष अभ्यावेदन दे दिया है. हम अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए आगे कार्रवाई करेंगे.’
ल्यू ने कहा कि दलाईलामा के ‘शर्मनाक प्रदर्शन’ का भारत और चीन के बीच क्षेत्रीय विवाद के उचित समाधान पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
चीन दलाई लामा के अरुणाचल प्रदेश खासकर तवांग की यात्रा का विरोध कर रहा है जिसे वह दक्षिण तिब्बत मानता है. चीनी मीडिया और विदेश मंत्रालय ने लगातार उनकी यात्रा का विरोध किया है.
चीन की भारत को चेतावनी, दलाई लामा की अरुणाचल यात्रा से सीमा विवाद पर बुरा असर
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नई दिल्ली : बॉलीवुड के सुपरस्टार अमिताभ बच्चन ने अपने वोडाफोन मोबाइल कनेक्शन पर मंगलवार को सेवा का मुद्दा उठाया तो महज आधे घंटे में उसका समाधान कर दिया गया।
बच्चन ने मंगलवार शाम 7:16 बजे ट्वीट किया, ‘वोडाफोन हमारे सामने एक समस्या है। सभी भेजे गए संदेश विफल हुए। एसएमएस मिल रहे हैं, लेकिन जा नहीं रहे।’ आधे घंटे बाद बिग बी ने ट्वीट किया, ‘वोडाफोन की समस्या हल हुई। धन्यवाद। अब सभी एसएमएस जा रहे हैं।’ Jav
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Amitabh Bachchan
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VODAFONE PROBLEM SOLVED ... THANK YOU .. ALL SMS GOING THROUGH NOW .... BAAAADDDDUUUMMBBAAA ...!!
9:19 PM - 31 Jan 2017
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Amitabh Bachchan
✔@SrBachchan
VODAFONE WE HAVE A PROBLEM ..!! ALL SEND MESSAGES COMING FAILED .. RECEIVING SMS BUT NOT GOING .. HHEEEELLLLPPPPP !!!
8:46 PM - 31 Jan 2017
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इस मामले पर वोडाफोन से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी। उल्लेखनीय है कि ट्विटर पर अमिताभ बच्चन के 2.47 करोड़ फॉलोअर हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बाद बच्चन दूसरे पायदान पर है। मोदी के फॉलोअर की संख्या 2.68 करोड़ है।
वोडाफोन नेटवर्क पर जब बिग बी को हुई परेशानी तो ट्वीट में लिखा...
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दीपक की पत्नी ने अपने पहले पति से तलाक नहीं लिया है. फाइल फोटो
मुंबई : अभिनेता दीपक तिजोरी बड़ी मुश्किल में पड़ गए हैं. पत्नी शिवानी के साथ हाल ही में हुई लड़ाई के बाद उन्हें न केवल घर से बाहर होना पड़ा है बल्कि अभिनेता को यह भी पता चला है कि उनकी पत्नी ने अपने पहले पति से तलाक नहीं लिया है. इस तरह से उनकी शादी की कोई कानूनी मान्यता नहीं है. तिजोरी की पत्नी शिवानी ने उनके खिलाफ तलाक के लिए अर्जी दी है और साथ ही गुजारा भत्ता की मांग की है.
'जो जीता वही सिकंदर' सहित कई हिट फिल्मों में काम कर चुके तिजोरी के लिए यह अजीब सी मुश्किल है. अभिनेता ने 20 साल पहले शिवानी से शादी की थी. हाल ही में हुई लड़ाई के बाद शिवानी ने दीपक को घर से बाहर निकाल दिया. दीपक के लिए मुश्किलें यहीं कम नहीं हुई. बाद में उन्हें पता चला कि उनकी पत्नी शिवानी कानूनी रूप से उनकी बीवी नहीं है. तिजोरी की 20 साल की लड़की है जिसका नाम समारा है.
पत्नी ने घर पर किया कब्जा
स्पॉटबॉय की खबर के मुताबिक लड़ाई के बाद मुंबई के गोरेगांव में दीपक के घर पर शिवानी ने कब्जा कर लिया है और वो अब उन्हें घर में घुसने नहीं देती. जिसकी वजह से दीपक के हालात खराब होते जा रहे हैं. दीपक का ना तो एक्टिंग करियर ही चल रहा है और ना उनको लंबे वक्त से कोई फिल्म डायरेक्ट करने के लिए मिली है. दीपक ने बिग बॉस के पहले सीजन में एंट्री की थी. वैसे तो उन्होंने पिछले दो दशकों में करीब पचास से ज्यादा फिल्मों में काम किया है लेकिन अब उनकी माली हालत ठीक नहीं है. जिसकी वजह से परिवार में कलह तेज हो गई है.Jav
दीपक की अफेयर की खबर से नाराज हैं शिवानी
खबरों की मानें तो शिवानी को शक है कि दीपक का किसी योग इंस्ट्रक्टर से अफेयर चल रहा है और इस लिए शिवानी ने गुजारा भत्ते के लिए कोर्ट में आवेदन किया है. दीपक के एक दोस्त ने स्पॉटबॉय को बताया, 'यदि शिवानी ने अपने पहले पति को तलाक नहीं दिया है तो उनकी और दीपक की शादी का कोई मतलब नहीं है. ऐसे में दीपक क्यों उनका खर्च उठाएं?'
मुश्किल में अभिनेता दीपक तिजोरी, 26 साल बाद पता चला जिससे शादी की वह उनकी बीवी नहीं है!
By Unknown
From Our Changing World, 9:05 pm on 23 March 2017
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Alison Ballance, Senior Producer
@alisonballance alison.ballance@radionz.co.nz
Science communication is important for enabling democracy, says the winner of the 2016 Prime Minister’s Science Media Communication Prize.
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Rebecca Priestley, winner of the 2016 Prime Minister's Science Communication Prize. Photo: Supplied
Rebecca Priestley is a science historian and writer, who lectures in Science in Society at Victoria University of Wellington.
Priestley says she often writes about the everyday things that we use and consume. “I’m really driven by things I want to know more about.”
But while she is motivated to know more about science, and the research behind things, she says that science communicators are increasingly realising that this doesn’t hold true for everyone.
“Some people are going to want facts, they’re going to want to dig a bit deeper,” she says. “But other people – not so much. There is a lot of evidence that giving people more facts isn’t going to change their mind on an entrenched position.”
Confirmation basis, says Priestley – the idea that people accept information that supports their beliefs, and reject information that doesn’t – is part of the reason for this. She recognises that it is a big problem, but says that despite this it is important to keep trying to inform people.
“Despite the scientific evidence for the many environmental problems facing the world, a lot of people aren’t engaging with these issues or realising how important they are. It’s really important that we get good coverage of these issues in the media. But even that might not make a difference.
“If we can do more to get critical scholars, outstanding scientist communicators and talented science communication practitioners together we might find ways to engage audiences more effectively.”
Bringing Antarctica to the world
To help democratise science, Priestley and her Victoria University colleagues have been developing a MOOC, a massive open online course, on Antarctica. The idea is that the course is freely available to anyone, anywhere in the world, who has an internet connection. The MOOC will be launched in April.
She receives $100,000 in prize money, and will be using her award to create some freely available online resources about science communication.
2016 Prime Minister’s Science Prizes – the winners
The Prime Minister’s 2016 Science Prize has been awarded to a team of University of Otago researchers, led by Professor Richie Poulton, which is behind the Dunedin Multidisciplinary Health and Development Study, credited with providing the most detailed data on human development ever amassed.Jav Pregnant
The Prime Minister’s 2016 MacDiarmid Emerging Scientist Prize goes to Professor Brendon Bradley from the University of Canterbury, who is leading worldwide research into the effects of ground shaking caused by earthquakes
The Prime Minister’s 2016 Science Teacher Prize has, for the first time, been won by a primary school teacher—Dianne Christenson, who is the curriculum leader for science at Koraunui School in Stokes Valley, in the Hutt Valley. Under Dianne’s leadership, students at Koraunui School work in the garden, the river, the ocean and the kitchen, getting the opportunity to explore, take risks, get used to failure and have fun while they’re doing it.
The Prime Minister’s 2016 Science Media Communication Prize has been presented to Dr Rebecca Priestley who is committed to communicating science in a way that helps people make informed decisions about important issues facing society.
The Prime Minister’s 2016 Future Scientist Prize has been won by former Onslow College student Catherine Pot who tackled a problem that no other New Zealand student competing in the 2016 International Young Physicists’ Tournament wanted to take on. Catherine investigated the van der Pauw method, which is used in experimental semiconductor physics in many university labs, and came up with an experimentally-verified way of improving the technique so it can be more widely applied.
Prime Minister's Science Communication Prize 2016 - Rebecca Priestley
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The diverse tropical habitats of the Bahamas offer animal lovers the chance to spend quality time with a variety of land and sea creatures. Extending across 100,000 square miles of the Caribbean, the Bahamas includes more than 700 islands and is home to the third-largest barrier reef in the world. Much of the wildlife is accessible to visitors through guided tours or within animal reserves that have been established to increase awareness and protect endangered species. Although these animals are not a threat to humans, they are still wild, and visitors should make every effort to show respect and preserve their habitats.—Sarah Siyufy
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A melting pot of cultures and cuisines born of the 17th-century spice trade, Cape Town flaunts a long and flavorful culinary history—and you’ll find plenty of tasty evidence to prove it. Top that off with the fact that Capetonian chefs are making a global name for themselves (Luke Dale-Roberts’ warehouse-chic The Test Kitchen in the Woodstock neighborhood was just named Africa’s best restaurant) and you’ve got a skyrocketing eating scene. What’s more fun than checking out restaurants both high-end and hole-in-the-wall, as well as contemporary and traditional; gourmet food trucks; food markets; and a curious regional diet called Banting? Cape Town offers all this and more. Get your forks ready and let’s go!
SHOOT FOR THE STARS
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For starters, Cape Town has Luke Dale-Roberts, innovative chef extraordinaire of The Test Kitchen, acclaimed for its creative dishes made from local provenance. Not only is this amazing eatery Africa’s top restaurant, it’s rated 22nd in the world (not to mention, it’s been named South Africa’s top restaurant every year since 2012). Chef Dale-Roberts has gone on to open the trendy Pot Luck Club (another top-ranking resto in the nation) in Woodstock’s Old Biscuit Mill, offering friendly tapas meals; and the new Shortmarket Club in the Central Business District, which serves contemporary twists on regional classics—the local kingklip fish, for example, served with Bo-Kaap roasted masala sauce, burnt gem lettuce, spekboom, and quinoa salsa; or lamb rump with roasted fennel fondant, ricotta, pine nut, and fennel seed roasted leeks, and lamb jus with mint jelly.
But what makes the Cape Town culinary scene even more special is its magnitude—eight of South Africa’s top ten restaurants reside here, after all. You’ve got La Colombe, melding local ingredients with French élan; The Greenhouse, proclaimed for its playful South African cuisine served overlooking verdant gardens at the Cellars-Hohenort Hotel in Constantia; the Restaurant at Waterkloof in Somerset West, masters in French cuisine in a vineyard setting; and the list goes on.
And even then, please don’t confine yourself to the official list, for Cape Town chefs sprinkle their magical salt everywhere. All you need to do is pull up a seat at any table of interest and indulge.
Insider Tip: Cape Town’s coolest restaurant strip is Bree Street in the Central Business District, featuring such hip places as Bacon on Bree, showcasing all things bacon; Chefs Warehouse & Canteen, an easygoing, innovative tapas bar with communal tables; and Bocca, South Africa’s top Italian restaurant.
EXPLORE THE MARKETS
The typical Capetonian Saturday ritual comprises a hike (most likely up Table Mountain, but there are plenty of other nearby choices) then some good perusing at one of its many open-air markets, perhaps stocking up for a lunchtime picnic or dinner feast. Among local favorites is the Neighbourgoods Market at Woodstock’s Old Biscuit Mill, a festive collection of restaurants, cafés, and stalls where farmers offer tastings and purvey their organic goods; you’ll find anything from Thai dumplings to dozens of types of mushrooms to three different shawarma stalls to springbok sandwiches. Market at the Palms, also in Woodstock, is the place to sample recipes handed down through generations of South African families: mince pies, noble jaffels, brownies; though word is out that the vendors are becoming more experimental—along the lines of coq au vin pie, angelfish pâté, and salmon-stuffed breakfast mushrooms. But nearly every neighborhood has its own market with its own flair; half the fun is exploring and stumbling upon your own treasure of edible goods.
Insider Tip: You’ll find a good listing of Cape Town’s wide and varied markets here.
STICK TO TRADITION
With all of the experimentation and innovation going on in Cape Town’s kitchens, sometimes it’s nice to simply sit back and enjoy a straightforward authentic African meal. And here you’re offered a pan-African array of choices. One of the best (even though a tad touristy) is Mama Africa in the Central Business District, with traditional dishes covering the continent, from Moroccan lamb pot roast to Mozambique chicken livers to ostrich steak to Zimbabwean dovi, all served with a side of samp and pap (mealie meal porridge). The lively Marimba band will regale you as you dine. For pure Ethiopian in a rich, warm setting, locals head to Addis in Cape. And Africa Café is another popular choice, with everything from Xhosa spinach patties to Mozambican peri-peri prawns to Ethiopian lamb on the menu.
For something truly Capetonian authentic, you’ve got to try the spicy culinary fare of the Cape Malay. This medley of cultures, which originated in Cape Town’s predominantly Muslim Bo-Kaap quarter, dates back to Dutch colonial rule and the spices and culinary expertise of their Indonesian slaves. Specialties include bobotie: spicy, curried mincemeat in a rich egg custard, said to be the country’s national dish; and breyani: curry-infused rice and meat dishes with lentils and masala. Savor some of the best Cape Malay fare at Biesmiellah, run by two generations of the Osman family; or friendly Bo-Kaap Kombuis, with its fabulous views over the city, both in the Bo-Kaap neighborhood.
Insider Tip: Go to the source at the family-run Atlas Trading Company, a remnant of the spice trade, where the piquant aroma of cinnamon, cardamom, and cumin tantalizes the senses.
BRAAI WITH THE LOCALS
You can’t say you’ve been to South Africa without experiencing braai. And in Cape Town, there’s no better place to sample this local take on barbecue than open-air, über-hip Mzoli’s Place. Located in the township of Gugulethu, about 10 miles from the city center, this is the real deal, famed for its dance parties, diverse patronage, and signature meat (it originated as a butchery). Pick your lamb shank, chicken pieces, or beef steaks at the counter, bring them to the braaimeister to cook over charcoal fires, and wait at the tables outside … your tastebuds will be tingling by the time the server places your barbecued plate in front of you. It may seem a bit busy and unorganized at times, and it’s certainly not five-star dining (in fact, it’s BYOB—and paper plates, napkins, and utensils). But that’s the crux of its charm.
TRY BANTING
William Banting was an 18th-century English undertaker who came up with a low-carb, high-fat diet (LCHF) and lost a bunch of weight. Fast forward a few centuries, and Professor Tim Noakes glommed onto the idea and wrote a book, The Real Meal Revolution, that has taken Cape Town by storm. Serious storm. Some of our favorite Banting-friendly restaurants include Arugula Bistro and Bread, serving up the likes of slow-roasted pork belly (for which they’re famous) with cauliflower purée, baby marrow ribbons, and garlic butter; DaVinci’s, where any burger can be in a bowl with rocket, avo, lettuce, sprouts and seeds instead of a bun; and Balducci on the V&A Waterfront, which even has a Banting pizza with a crust made from cauliflower and cheddar cheese.
GO MOBILE
These days, you don’t need four walls or even tables and chairs to serve up exciting and innovative cuisine. Cape Town is taking the American trend to task, offering some of the most amazing, locally-sourced meals around from its trailers, carts, and vintage vans. Limoncello is the 70s-style motorhome spearheading the craze, run by Naples-born chef Luca Castiglione. You’ll enjoy such seasonal southern Italian dishes as artichoke risotto, yellow-fin-tuna panini, as well as pizzas and calzones. Cafeteria Guerilla Gastronomica serves up gourmet seasonal comfort food: toasted banana bread with vanilla-yogurt cream; slow-roast leg of lamb; and Thai curries; along with homemade lemonade and old-fashioned ginger beer. And 4roomed Ekasia Culture, owned by Abigail Mbalo, a top-12 MasterChef SA 2014 contestant, offers a healthier, gourmet take on familiar township dishes; pap, for example, is not the maize-based porridge but comes in a trio of flavors (butternut and nutmeg; spinach and cream; and beetroot pulp, roasted garlic, and feta cheese). You get the picture. You’ll find food trucks generally at weekly markets and festivals. For more information—and to find the up-to-the-minute locations of the trucks—visit capetownfoodtrucks.co.za, follow the locations on Twitter @ctfoodtrucks, or like the Facebook page, Cape Town Food Trucks.
Insider Tip: The most romantic food truck spot is at Oudekraal, a viewing point between Camps Bay and Hout Bay with vistas of the sparkling Atlantic on one side and the dreamy Twelve Apostles mountains on the other. Trucks park here Wednesdays and Saturdays.
BONUS: WINE COUNTRY!
If Cape Town weren’t beautiful enough, within an hour’s drive awaits the Cape Winelands, Africa’s answer to Tuscany and Napa. Fairy-tale beautiful, this dreamy realm harbors craggy mountain peaks, impossibly emerald valleys, thriving roses and hydrangeas everywhere you look, and historic wine estates sprinkled throughout. And with the wine comes chefs inspired to create innovate dishes from the region’s super fresh produce, springing forth some of the planet’s most highly praised restaurants. It’s hard to know where to begin, but hands-down the crème de la crème is the award-winning Tasting Room at Le Quarter Français, where chef Margot Janse (Africa’s only female Grand Chef) creates unique modern African cuisine to match the region’s fine wines--indulge in the eight-course surprise menu. Or head to Helshoogte Pass, where five-star Tokara sits among its own vineyards and olive farm. If you time it right, you’ll enjoy a sundowner as the red-hot sun dips behind rumpled, vineyard-striped hills, followed by an exquisite meal. Executive Chef Richard Carstens is known for his innovative seasonal menu—prepare yourself for the likes of peppered springbok with sweet potato purée, shitake, spinach, buckwheat, parmesan, and porcini jus followed by Tokara olive oil cake and custard with gruyère ice cream, meringue, white balsamic gel, and pine nuts. See what we mean?
Insider Tip: Get an intimate take on the local foodie scene. Hanli Fourie of Bites and Sites Food Tours runs a Foodie on Foot tour of Stellenbosch, introducing you to local food artisans to hear their stories as you duck into various eateries and sample handcrafted seasonal dishes and regional wines along the way.
Photos: Cape Town Tourism, Barbara Noe Kennedy, Bites and Sites Food Tours
Food Lover's Guide to Cape Town
By Unknown
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